जागृति ने पाया सिविल जज का मुकाम, महापुरुषों को किया नमन
मध्यप्रदेश। एनआईएन ब्यूरो
एक दौर था जब महिलाओं को शिक्षा से दूर रखा जाता था। उनके अधिकारों को, उनकी स्वतंत्रता को चार दीवारी में कैद करके रखा जाता था, लेकिन देश में कुछ महापुरुषों ने जन्म लिया और इस समाज की कुरुती को जड़ से उखाड़कर फेक दिया, जिसकी बदौलत आज देश की महिला राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और जज तक की कुर्सी पर पहुंची है। लेकिन दुख की बात है कि आज भी तमाम महिलाओं को उन महापुरुषों के एहसान याद नहीं जिन्होंने उन्हें एक बंद पिंजरे से आजाद करा दिया।
एक अलग नजरिए से देखा जाने वाला बहुजन समाज आज बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के विचारों से प्रेरित एक अपना खास मुकाम बना रहा है, इस जातिवाद में जकड़े समाज को अपनी प्रतिभा का अहसास करा रहा है, वो नाम ही नहीं बल्कि अपने पूरे समाज का सम्मान बढ़ा रहा है, मध्यप्रदेश में सिविल जज की परीक्षा के परिणाम घोषित हो चुके हैं, जिसमें बहुजन समाज की जागृति बौद्ध का दसवें स्थान पर चयन हुआ है।
जागृति की इस सफलता को लेकर उनके परिवार में ही नहीं बल्कि पूरी बस्ती में खुशी की लहर है, जागृति के पति सचिन कुमार बौैद्ध का कहना है कि ‘यह चयन बहुजन समाज के तमाम महापुरुषों के उस आंदोलन को समर्पित है जिनकी बदौलत आज बहुजन समाज के छोटे से व्यक्ति को समाज में सम्मान, स्वाभिमान और इज्जत से सर उठाकर जीने का अधिकार मिला है।
जागृति और उनके पति ने इस सफलता के लिए महान समाज सुधारक बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर, महात्मा ज्योतिबा फुले, माता सावित्री फुले और माता रमाई माता जी को नमन किया है। जागृति की इस सफलता से बहुजन समाज ही नहीं बल्कि महिला समाज की भी मजबूती बढ़ेगी।
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