मिस पेरु प्रतियोगिता में हर सुन्दरी ने दिया महिला हिंसा के खिलाफ दमदार ब्यान
दक्षिण अमेरिकी देश पेरु में चल रही मिस पेरु ब्यूटी प्रतियोगिता के दौरान एक ऐसी घटना हुई है जिससे मॉडलिंग जगत हिल गया. मिस पेरू, स्पर्धा मॉडेल मध्ये भाग घेऊन महिला अत्याचारांमध्ये संख्या ऐवजी आकृती पेक्षा आपल्या शरीरातील आकृती जूरी समोर गणली आहे. ये अचानक तब किया गया जब टीवी पर लाइव दिखाया जा रहा था. या मॉडेल संयोजकांची प्रतिसाद आणि प्रेक्षकांची स्पर्धा प्रथम धक्का आगमन आणि सतत Sitinya खेळण्यास योग्य होते. इसके बाद इस प्रतियोगिता के आयोजकों ने भी स्क्रीन पर ऐसी ख़बरें और दिखाई जिसमें महिलाओं के प्रति अपराध की बढ़ती तादाद नज़र आ रही थी. दरअसल प्रतियोगिता के इस राउंड में प्रतिभागियों को अपने bust, waist और hipp का साइज़ बताना था. लेकिन इन महिलाओं ने माइक पर बताया कि किस तरह पेरु में हर 10 मिनट में एक लड़की की हत्या होती है. वही एक मॉडल ने बताया कि कैसे 70 प्रतिशत महिलाएं सड़कों पर छेड़खानी का शिकार हो रही हैं.
आज भी हमारे देश में ऐसी कई महिलाएं है जिनको लगता है कि जो उनके साथ हो रहा है वो किसी से कहा नहीं जा सकता. हम उन्हें बताना चाहते हैं कि वो अकेली नहीं है.’ पेरु में महिलाओं के प्रति हिंसा और बलात्कार व हत्या के मामले तेज़ी से बढ़े हैं. वर्ष 2016 में देश की राजधानी लीमा में इस पर भारी विरोध भी किया गया था. वहीं अमेरिकी आंकड़े के अनुसार, दक्षिण अमेरिका में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के सबसे खराब रिकॉर्ड के साथ देश के रूप में दूसरे नंबर पर बोलीविया के रूप में पेरू की रैंकिंग को उजागर किया. वही अब भारत की बात करे तो भारत का इतिहास जितना पुराना है उतना ही पुराना महिलाओं के विरुद्ध होने वाला उत्पीड़न और घरेलू हिंसा का इतिहास आज आंकडे ये बताते है कि भारत के साथ पूरे विश्व में महिलाओं के साथ होती हिंसा बढ़ रही है लेकिन ये कोई नई बात नही है वास्तव में महिलायें सदियों से लगातार उत्पीड़न का शिकार होती चली आई है.हिंसा के तहत महिलाओं को शोषण रोकने के लिए केंद्र सरकार ने कानून तो बनाया लेकिन कानून बनाने के बाद 5 सालों में कोई सुधार तो हुआ नहीं उल्टा बढ़ गया है.
बहरहाल एक बात सोचने वाली येभी है कि हमारे देश में लोग महिलाओं के साथ हो रहे शोषण पर बोलते है.बड़ा-बड़ा भाषण देते है लेकिन करते कुछ नहीं.जैसे इन अमेरिकी मॉडल्स ने किया क्या हमारे भारत देश की मॉडल्स और एक्टर्स भी ऐसा कर सकती है.जिन्हें लाखों-करोड़ो लोग देखना सुनना पसंद करते है. क्या वो भी ऐसा करके लोगों को जागरुक कर सकती है. सरकार कानून बनाकर भी कुछ नहीं कर पाई. शायद हमारे देश की मॉडल्स और एक्टर्स के करने से कुछ हो जाए जैसा कि पेरु peagent में participated models ने कर दिखाया .
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