भारत में ऑक्सीजन की क़िल्लत विदेशों में भेजने पर घिरी सरकार?
देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते केसों के बीच ऑक्सीजन की किल्लतों लगतार खबरें आ रही है.दिल्ली-NCR से भी डराने वाली ख़बर आई है. ऑक्सीजन की क़िल्लत की ख़बरें बस दिल्ली से नहीं बल्कि अन्य राज्यों से भी आ रही हैं. UP के कानपुर और लखनऊ के कई अस्पतालों से आ रही ख़बरें बता रही हैं कि वहां के अस्पतालों में ऑक्सीजन का कुछ ही घंटों का स्टॉक बचा हुआ है. हालांकि इस मामले में राजनीति भी चालू है.
जिसपर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने फेसबुक पर सरकार पर फ़ेल होने के आरोप लगाए और कहा कि कमी इसलिए है कि हम ऑक्सीजन को ट्रांस्पोर्ट करने के पर्याप्त साधन नहीं बना पाए. उन्होंने कहा- –
दिल्ली सरकार ने 20 अप्रैल को केंद्र सरकार को ख़त भी लिखा. है इस खत में कहा कि दिल्ली के अस्पतालों को ऑक्सीजन मुहैया कराइए क्योंकि दिल्ली के कुछ अस्पतालों में कुछ ही घंटों की ऑक्सीजन बची है. मंगलवार को हुई दिल्ली सरकार की समीक्षा बैठक में भी सबसे बड़ा मुद्दा ऑक्सीजन की किल्लत का ही रहा.
इसे लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा – “कुछ अस्पतालों में अब चंद घंटे के लिए ही ऑक्सीजन बची है. दिल्ली में ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं. केंद्र से भी लगातार बात कर रहे हैं. दिल्ली में बड़े स्तर पर ऑक्सीजन बेड्स बढ़ाने का काम भी चल रहा है.”
वही परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीते दिनों ट्वीट करके जानकारी दी थी कि सरकार द्वारा 162 ऑक्सीजन प्लांट सैंक्शन किए गए थे. लेकिन इनमें से सिर्फ़ 33 ऑक्सीजन प्लांट ही इंस्टॉल किए जा सके. सरकार ने ये भी कहा था कि अप्रैल 2021 के आख़िर तक और 59 प्लांट और मई 2021 के आख़िर तक 89 प्लांट इंस्टॉल किए जाएंगे.
यानी अभी भी बहुत सारे ऑक्सीजन प्लांट्स को इंस्टॉल किया जाना बाकी है. लेकिन दिल्ली और देश के अन्य सूबों का ऑक्सीजन क्राइसिस अभी का है. अस्पतालों के पास कुछ ही घंटों का ऑक्सीजन बचा है.
इंडिया टुडे की बातचीत में गृहमंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार ने दिल्ली को ऑक्सीजन मुहैया कराने का वादा किया है. क्योंकि दिल्ली में ऑक्सीजन का अपना प्लांट नहीं है, इसलिए सबसे नज़दीकी राज्य उत्तर प्रदेश से ऑक्सीजन का इंतज़ाम करना होगा.
नीचे दिए गए इस लिंक पर क्लिक कर ये रिपोर्ट को भी पढ़िए-
जिसको लेकर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने लिखा है कि देश में ऑक्सिजन क्यों नही? क्या मोदी सरकार बेख़बर थी? चौंकिए मत- 1. मार्च 2020 में भारत सरकार के एम्पावर्ड ग्रूप ने ऑक्सिजन उपलब्ध करने बारे चेताया। 2. पर मोदी सरकार ने अप्रैल 20-जनवरी 21 के बीच 9,294 मेट्रिक टन ऑक्सिजन विदेश निर्यात कर दी।
देश में कोविड संक्रमण के बढ़ते मामलों और चरमराती स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए कांग्रेस ने मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए आक्रामक रुख अख्तियार किया है.
लेकिन सवाल ये है कि तेजी से बढ़ता कोरोना संक्रमण, अस्पतालों में बेड की कमी, ऑक्सीजन सिलेंडर तथा रेमडेसिविर जैसी जरूरी दवा को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. आम जनता से लेकर हर कोई परेशान है. प्रधानमंत्री जी से यही अपील है कि इस समय प्रचार अभियान चलाने का नहीं, बल्कि लोगों को नागरिकों को घातक वायरस से बचाने का समय है. देश को संभालने का समय है.
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