महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव 2019 के बाद PM Modi पर मंडराता खतरा ?
महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम आ चुके हैं. दोनों ही में किसी भी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिला और बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. महाराष्ट्र में बीजेपी का दावा है कि उसी का मुख्यमंत्री होगा और वह शिवसेना के साथ सरकार बनाएगी. वहीं हरियाणा में बीजेपी निर्दलीय विधायकों के सहारे बहुमत के जुगाड़ में है. हरियाणा में बहुमत के जादुई आंकड़े से बीजेपी छह सीट दूर है. सूत्रों की मानें तो बीजेपी आज राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है.
हरियाणा में बीजेपी को 2014 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले सात सीटों का नुकसान हुआ है और इसबार कुल 90 सीटों में से 40 सीटे जीती है. राज्य सरकार के 10 मंत्रियों में से आठ को हार का सामना करना पड़ा. बीजेपी के मत प्रतिशत में लोकसभा चुनाव के मुकाबले भारी गिरावट आई है. लोकसभा में जहां कुल 58 प्रतिशत मिले थे जो इस चुनाव में गिरकर 36.5 प्रतिशत रह गया.
हरियाणा में सरकार बनाने के लिए 46 सीटों की जरुरत है. कांग्रेस ने 31 सीटों पर कब्जा जमाया है. 2014 के चुनाव में पार्टी ने 15 सीटों पर जीत दर्ज की थी. आईएनएलडी से टूटकर चुनाव में उतरी जेजेपी ने 10 सीटों पर कब्जा जमाया है. वहीं आईएनएलडी एक सीट जीती है. 2014 में आईएनएलडी ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
इस चुनाव में निर्दलीय ने सात सीटों पर जीत दर्ज की है. जो सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे. त्रिशंकु विधानसभा के चलते राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई है. हरियाणा लोकहित पार्टी के गोपाल कांडा और निर्दलीय चुने गए रणजीत सिंह को बीजेपी पार्टी नेतृत्व से मिलाने के लिए दिल्ली लेकर आई. कल शाम में कांडा ने बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. तीसरे निर्दलीय विधायक सोमवीर सिंह ने कहा कि वह बीजेपी का समर्थन करेंगे.
वहीं कांग्रेस का कहना है कि वह सरकार बनाएगी. कांग्रेस को अगर जेजेपी समर्थन देती है तो वह निर्दलीय विधायकों के सहारे सत्ता तक पहुंच सकती है. नतीजों से साफ है कि अगली सरकार के लिए एक-एक विधायक अहम होगा. इसके मद्देनजर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रशासन ने आरोप लगाया वह बीजेपी की ओर से निर्दलीय विधायकों पर दबाव बना रहा है और उन्हें स्वतंत्र रूप से आने जाने नहीं दे रहा है.शुरुआती रुझानो पर जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा. यह दिखाता है कि मनोहर लाल खट्टर सरकार के खिलाफ लहर थी.’’ चौटाला ने कहा. अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. पहले मैं सभी नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक कर तय करूंगा कि सदन में हमारा नेता कौन होगा और उसके बाद भविष्य पर फैसला लिया जाएगा.
महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना साथ में चुनाव लड़ी और दोनों दलों के गठबंधन को बहुमत भी मिला. लेकिन शिवसेना ने बीजेपी की कम हुई सीटों के बीच मुख्यमंत्री पद की मांग कर डाली. साफ है कि गठबंधन दलों में काफी खींचतान देखने को मिलेगी.महाराष्ट्र की कुल 288 विधानसभा सीटों में बीजेपी को 105 पर जीत मिली है. वहीं सहयोगी शिवसेना को 56 सीटों पर जीत मिली है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने 54 सीटें जीती हैं जबकि कांग्रेस के खाते में 44 सीटें गई हैं. साल 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 122, शिवसेना को 63, कांग्रेस को 42 और एनसीपी को 41 सीटें मिली थी. उस चुनाव में बीजेपी और शिवसेना अलग-अलग चुनाव लडे़ थे. हालांकि बाद में शिवसेना बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गई थी.
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