Home Current Affairs आजादी के दिन झंड़ारोहण करने पर बहुजनों को मिली ये सजा
Current Affairs - Hindi - Human Rights - Political - August 17, 2021

आजादी के दिन झंड़ारोहण करने पर बहुजनों को मिली ये सजा

15 अगस्त के दिन झंडारोहण करने जा रहे बहुजनों को मारकर हाथ-पैर-सर तोड़ दिया जाता है , बाबा साहब डॉ अम्बेडकरकी प्रतिमा पर गोबर फेंका जाता है. अब इस बात से आप खुद अंदाजा लगाइए देश के अन्य सुदूर हिस्सो में इन वंचित समाज की स्थिति क्या होगी?

जाति है कि जाति नहीं….

देश भले ही अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हो गया हो लेकिन सामाजिक जातिवाद की बेडियों से अभी गुलाम है जहां भारत की आजादी के बाद 75 साल बाद भी बहुजनों , वंचितों को झंडा फहराने की सजा मिलती है.

 देश की राजधानी दिल्ली में 15 अगस्त के दिन झंडारोहण करने जा रहे बहुजनों को मारकर हाथ-पैर-सर तोड़ दिया जाता है , बाबा साहब डॉ अम्बेडकरकी  प्रतिमा पर गोबर फेंका जाता है. अब इस बात से आप खुद अंदाजा लगाइए देश के अन्य सुदूर हिस्सो में इन वंचित समाज की स्थिति क्या होगी?

सिर्फ दिल्ली ही नही मध्य प्रदेश के छतरपुर के धामची गांव में एक बहुजन सरपंच की पिटाई इसलिए कर दी गई क्योंकि बहुजन समाज के सरपंच ने ब्राह्मण समाज के सचिव का इंतजार किये बिना झंडा फहरा दिया। इन दोनों घटनाओं का वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रहा है.

बहुजन सरपंच हन्नू बसोर ने आरोप लगाया कि सचिव ने जाति सूचक शब्द कहते हुए, उसे लात मार दी है. उनकी पत्नी कट्टू बाई और बहू के साथ भी मारपीट की गई। हालांकि इन दोनों ही ममालों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है.

जिसपर वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल लिखते है कि बहुजन सरपंच झंडा फहराएगा, तो झंडा अशुद्ध हो जाएगा!

मध्य प्रदेश के इस मामले में चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी, छतरपुर के ज़िलाधिकारी और एसपी को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने जारी किया नोटिस। कार्रवाई की सूचना न देने पर होगी इनकी पेशी.

कुछ सवर्ण जातिवादियों की इसी मानसिकता के चलते देश में जातिवाद की खाई आए दिन गहरी होती जा रही है. लेकिन सवाल ये  है कि आखिर सवर्ण समाज के जातिवादियों को बहुजनों द्वारा प्रमुख पदों पर पहुंचना इतना क्यों अखर जाता है कि वह इसे बर्दास्त नहीं कर पाते और मारपीट पर उतर आते हैं.

(अब आप नेशनल इंडिया न्यूज़ के साथ फेसबुकट्विटर और यू-ट्यूब पर जुड़ सकते हैं.)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

Remembering Maulana Azad and his death anniversary

Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…