भारत-चीन संघर्षानंतर सोनिया गांधींनी प्रश्न उपस्थित केले, सैद- आम्हाला अंधारात ठेवले आहे!
भारत- चीन के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में 5 घंटे चले खूनी संघर्ष के बाद फैले तनाव को लेकर शुक्रवार को पीएम मोदी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई. जिसमें कांग्रेस समेत 20 राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ चर्चा हुई. इस बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सभी विपक्षी नेताओं को चीन के साथ गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प की जानकारी दी. साथ ही कहा कि हमारी सेना सीमा पर पूरी तरह मुस्तैद है.
इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सर्वदलीय बैठक के वक्त कई सवाल उठाए और कहा कि अब भी देश एलएसी से जुड़े कई मुद्दों पर अंधेरे में है. सर्वदलीय बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि हम आज एक दर्दनाक टकराव के बाद मिल रहे हैं. हमारे मन गहरी वेदना और आक्रोश से भरे हैं. मेरे विचार से यह बैठक सरकार को लद्दाख और अन्य जगहों पर चीनी घुसपैठ की 5 मई को खबरें मिलने के फौरन बाद बुलानी चाहिए थी.
सोनिया गांधी ने आगे कहा कि हमेशा की तरह पूरा देश एक चट्टान की तरह साथ खड़ा होता और देश की सीमाओं की अखंडता की रक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम का पूरा समर्थन करता है. खेद इस बात का है कि ऐसा नहीं हुआ. इतना समय गुजर जाने के बाद भी इस संकट के अनेक महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में हमें अंधेरे में रखा गया है.
बता दें कि इससे पहले चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हुए सेना के 20 जवानों को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड सांसद राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा हैं. उन्होने कहा कि यह बात पूरी तरह स्पष्ट हो चुकी है कि गलवां घाटी में चीन का हमला पूर्व नियोजित था. सरकार सो रही थी और समस्या से इनकार किया. जिसके चलते हमारे शहीद जवानों को इसकी कीमत चुकानी पड़ी.
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