Home Social Health बीजेपी की 10 बड़ी गलतियां, अब कोरोना वायरस से कैसे निपटेगा India ?
Health - Political - June 27, 2020

बीजेपी की 10 बड़ी गलतियां, अब कोरोना वायरस से कैसे निपटेगा India ?

देश में कोरोना वायरस का कहर ढह रहा है, लगातार मामले बढ़ते ही जा रहे हैं, जो थमने का नाम ही नही ले रहे है. देश में कोरोना वायरस का संक्रमण इतना बढ़ चुका है कि संक्रमित मरीजों का आंकड़ा भी पांच लाख से ज्यादा हो चुका है. जिसके बाद सरकार घेरे में आ गई है. सरकारी और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सवाल उठने लगे है.

दरअसल, देश में सबसे ज्यादा कोरोना केस में उछाल तीन राज्यों से देखने को मिले है. पहला महाराष्ट्र, दूसरा दिल्ली और तीसरा तमिलनाडु, इन तीनों राज्यों के ताजा आंकड़े जारी किए जाने के बाद केस पांच लाख पार कर गया. वहीं अब देश में कोरोना वायरस के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में एक दिन में पांच हजार से ज्यादा कोरोना वायरस के मरीजों की पुष्टि हुई है. फिलहाल महाराष्ट्र में ज्यादा टेस्टिंग की जा रही है. ताकि मरीजों का सही समय पर सटीक इलाज किया जा सके और संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.

वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, देश में आज सुबह तक कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 490,401 थी. हालांकि देश में कोरोना वायरस के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों महाराष्ट्र, दिल्ली और तमिलनाडु के ताजा आंकड़े जोड़ दिए जाएं तो देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या पांच लाख की संख्या को पार कर चुकी है. महाराष्ट्र में 5024 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई है तो वहीं राजधानी दिल्ली में 3460 नए कोरोना वायरस के मरीज सामने आए हैं. इसके अलावा तमिलनाडु में 3645 नए कोरोना मरीज सामने आए हैं.

वहीं इस बीच रुबरु करवाते है मोदी सरकार में बीजेपी की 10 बड़ी गलतियों से जिसने देश की नींव को कमजोर करके रख दिया है.

1 देश में न्याय का दुरुपयोग हो रहा है. कालिखो पुल के सुसाइड नोट, न्यायाधीश लोया की मौत, सोहराबुद्दीन की हत्या इत्यादि की जांचों में विफलता और बलात्कार के आरोपी विधायक का बचाव जिसके रिश्तेदार पर लड़की के पिता की हत्या का आरोप है, उस पर एक वर्ष से भी अधिक समय के बाद भी मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई थी.

2 बीजेपी राज के दौरान बीते सालों में विमुद्रीकरण असफल रहा, लेकिन और भी बुरा यह है कि बीजेपी यह स्वीकार करने में असमर्थ है कि यह असफल रहा. टेरर फंडिंग रोकने, काले धन को कम करने और भ्रष्टाचार को ख़त्म करने का सारा प्रोपेगंडा बेतुका है. इसने केवल व्यवसायों को ही ख़त्म किया है.

3 सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग किया जा रहा है. बीजेपी राज में इनका इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है. देखा जा रहा है कि जब लोग मोदी/शाह के खिलाफ कोई आवाज उठाते हैं तो इन संस्थानों को उनके पीछे लगा दिया जायेगा. यह लोकतंत्र काक अपमान है.

4 चुनावी बांड्स को मूल रूप से भ्रष्टाचार को वैध बनाती है और कॉर्पोरेट्स और विदेशी शक्तियों को सिर्फ हमारे राजनीतिक दलों को खरीदने की अनुमति देती है.

5 देश में योजना आयोग की रिपोर्ट्स डेटा के लिए एक प्रमुख स्रोत हुआ करता था. वे सरकारी योजनाओं की ऑडिट करते थे और बताते थे कि चीजें कैसे चल रही हैं. इसके जाने के बाद, सरकार आपको जो भी देती है, उस पर विश्वास करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचता है. जिसको हटाने के बाद नीति आयोग के पास यह अधिकार नहीं है.

6 जीएसटी कार्यान्वयन कर व्यवस्था जल्दबाजी में लागू की गयी थी और इसने व्यवसायों को नुकसान पहुँचाया है.

7 बीजेपी के राज में ख़राब विदेशनीति बढ़ाई है. चीन के पास श्रीलंका में एक बंदरगाह है, बांग्लादेश और पाकिस्तान में इसकी भारी रूचि है जिससे हम घिरे हुए हैं. मालदीव में भारतीय श्रमिकों को अब भारत की विदेश नीति की असफलता के कारण वीजा नहीं मिल रहा है.

8 बीजेपी की योजनाएं मेक इन इंडिया, स्किल डेवलपमेंट, फसल बीमा, सांसद आदर्श ग्राम योजना असफलता होती रही है. देश में बढ़ती बेरोजगारी और किसानों के संकट को स्वीकार करने में बीजेपी विफल रही है.

9 पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतें भी इनकी असफलता की कुंजी में शामिल है. एक समय में पीएम मोदी और बीजेपी के सभी मंत्रियों ने इसके लिए कांग्रेस की भारी आलोचना की थी और अब वे सब ऊंची कीमतों को सही साबित करते हैं.

10 देश की बुनियादी मुद्दों पर काम करने में सबसे बड़ी विफलता हासिल की है. देश की शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा सबसे खराब आंकी गई है. शिक्षा पर कोई भी कार्य न किया जाना देश की सबसे बड़ी असफलता है. इसके साथ ही 4 साल तक हेल्थकेयर पर कोई काम नही किया गया. जिसका नतीजा आज पूरा देश कोरोना की महामारी में भुगत रहा है.

बता दें कि देश में लगातार कोरोना के केस में हो रहे इजाफे तूल पकड़ते जा रहे है. कोरोना के केस के कारण अस्पताल कम पड़ने लगे है. स्वास्थ्य सेवाओं में कमी और दिक्कते आने लगी है. सरकार ने स्वास्थ्य संबंधी मामूली घोषणाएं तो कर दी है. लेकिन अगर कोई गरीब संक्रमित हुआ तो उसे सही इलाज मिलेगा ? अस्पताल में भर्ती होने की नौबत में बेड और वेंटिलेटर जैसी सुविधाएं मिलेंगी ? कोरोना काल में सबसे बड़ा सवाल उभरकर खड़ा होता है. अस्पतालों में हो रही सेवा कमियों के कारण कई लोग चैकअप करवाने से, तो कई अस्पताल में भर्ती होने से डर रहे है. लिहाजा सरकार को सभी वर्ग के लोगों को ध्यान में रखते हुए कड़े फैसले लेने की जरुरत है, जिससे लोगों का भय खत्म हो और कोरोना का इलाज कराकर फैलने से रोका जाए.

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