तुकाराम मुंडे का कार्य काबिल-ए-तारीफ, कोरोना के बीच उनके काम की हो रही चर्चा !
देश में कोरोना का तांडव मचा हुआ है. जिसके चलते देश अनलॉक की स्थिती में है. लेकिन महाराष्ट्र में कुछ छूटों के साथ लॉकडाउन को 30 जून तक बढ़ाया गया है. महाराष्ट्र ने लॉकडाउन को बढ़ाकर पहली प्राथमिकता संक्रमण को रोकने को दी है. महाराष्ट्र में कोरोना के मामलों में उछाल हो रहा है, इसलिए वहां ज्यादा एहतियात बरता जा रहा है. वहीं देश में लॉकडाउन के चलते अर्थव्यवस्था भी चौपट होती गई. लेकिन इसके बावजूद केंद्र सरकार ने शराब की दुकानें खोलने की इजाजत दी. इस बीच सबसे बड़ी बात का रुख करते है नागपुर की तरफ… जहां के महानगरपालिका आयुक्त तुकाराम मुंडे ने सरकार के इस फैसले को नहीं माना और दुकाने बंद रहने के आदेश सुना दिए.
दरअसल, देश लॉकडाउन के बाद देश अनलॉक की तरफ बढ़ा. जिसकी वजह से प्रतिबंधित क्षेत्रों के अलावा बाकी क्षेत्रों में शराब की बिक्री की अनुमति दी गई. हालांकि, तुकाराम मुंडे ने एक अलग आदेश जारी किया जिसमें कहा गया था कि हम शितिलता नहीं करेंगे. तुकाराम मुंडे द्वारा जारी किए गए नए आदेश को मुंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है. नागपुर के वकील मनोज साबले, प्रकाश जायसवाल, किशोर लाम्बत और कमल सतुजा ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है. वहीं इस बीच याचिकाकर्ताओं ने आयुक्त तुकाराम मुंडे के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के आदेशों का महानगरपालिका ने विरोध किया है.
बता दें कि नागपुर के नगरपालिका को रेड जोन घोषित करने के बाद तुकाराम मुंडे ने कई गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी. जिसके तहत उन्होंने सख्ती से पालन करने के निर्देश भी दिए. गौरतलब है कि सरकार ने रेड जोन में भी शराब की बिक्री के आदेश दिए थे, लेकिन मुंडे ने रेड जोन के इलाके में बिक्री की अनुमति नही दी. जिसके बाद नागपुर में रिजल्ट बेहतरीन देखने को मिला है, मुंडे के मुताबिक कड़े एक्शन लेने के बाद वहां मुत्यु दर बहुत कम हुआ है और रिकवरी रेट 83 फिसदी तक है, जिसे रोल मॉडल भी माना गया. वहीं अगर बात करें रेड जोन के दूसरे राज्य जैसे दिल्ली की, तो वहां शराब की ब्रिकी की अनुमति दी गई, जिसके कारण सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ी और लोगों का जमावड़ा अनियंत्रित होने लगा. आज दशा ये है कि दिल्ली में तेजी से केस बढ़ रहे है. सीएम केजरीवाल ने भी इस बात को स्वीकारा है. इस बीच तुकाराम मुंडे की समझदारी और अपने कर्तव्य के प्रति साझेदारी दोनों ही काबिल-ए-तारीफ है.
हालांकि इतनी चुनौतियों के बाद भी तुकाराम मुंडे ने हार नही मानी और अपना कार्यभार ईमानदारी से संभालते रहे. जिसके लिए पूरा देश उनकी तारीफ और ईमानदारी को सलाम करता है. फिलहाल मुंडे शराब की दुकानों को खोलने पर पाबंदी लगाने को लेकर चर्चा में बने हुए है. जिसको लेकर उनपर सियासत तेज हो चुकी है. अच्छी खबर ये है कि मुंडे के लिए गए फैसले से रिकवरी रेट काफी काबिल-ए-तारीफ है जिसे रोड मॉडल भी माना जा रहा है. लिहाजा कुल मिलाकर तुकाराम मुंडे नागपुर में केस को बढ़ने से रोकने के लिए जुटे हुए है और अपनी ईमानदारी और कड़ी मेहनत की मिसाल कायम कर रहे है.
(अब आप नेशनल इंडिया न्यूज़ के साथ फेसबुक, ट्विटर और यू-ट्यूब पर जुड़ सकते हैं.)
बालेश्वर यादव की पूरी कहानी !
By_Manish Ranjan बालेश्वर यादव भोजपुरी जगत के पहले सुपरस्टार थे। उनके गाये लोकगीत बहुत ही …