यूपी में अपराध चरम पर, पुलिस टीम पर फायरिंग, DSP समेत 8 शहीद
यूपी में अपराध का गिराफ लगातार बढ़ता जा रहा है और सरकार हाथ पर हाथ रखकर बैठी है। लगातार बदमाश पुलिस के इकबाल को चुनौती दे रहे है लेकिन कोई नहीं है जो इन बदमाशों को पस्त कर सके। ऐसा ही एक और मामला कानपुर से सामने आया है, जहां कानपुर में एक हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने गोलियां बरसा दी। इसमें एक क्षेत्राधिकारी यानी डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं। हमले में सात पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं, कानपुर के चौबेपुर थाना इलाके में पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश दी थी. पुलिस यहां हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई थी।
दबिश के दौरान बदमाशों ने पुलिस को घेरकर फायरिंग कर दी। इसमें आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए, विकास दुबे वही अपराधी है, जिसने राजनाथ सिंह सरकार में मंत्री का दर्जा पाए संतोष शुक्ला की थाने में घुसकर हत्या की थी। वारदात पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी और अपर मुख्य सचिव गृह से बात की है।
बताया जा रहा है कि बिल्हौर के सीओ देवेंद्र मिश्र, शिवराजपुर के एसओ महेश यादव, दो सब इंस्पेक्टर और 4 सिपाही शहीद हो गए। इसके अलावा सात पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर है। पुलिस हत्या के प्रयास के केस में शातिर विकास दुबे को अरेस्ट करने गई थी, विकास के खिलाफ 60 केस दर्ज हैं।
वहीं इस मामले को लेकर डीजीपी एचसी अवस्थी ने कहा कि सीओ, तीन सब इंस्पेक्टर और चार पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं। जबकि सात पुलिसकर्मी घायल हैं, फिलहाल मौके पर एडीजी कानून व्यवस्था समेत कई अफसर पहुंच गए हैं। इसके साथ ही एसटीएफ को भी मौके पर रवाना किया गया है।
लेकिन बड़ा सवाल यही है की अगर सरकार से सत्ता नहीं चल रही तो इस्तीफा दे देना चाहिए। क्योंकि लगातार बदमाश सरकार और कानून को ऐसे ही चुनौती देते रहेंगे। तो इससे यही साफ हो रहा है की पुलिस,कानून और सरकार का खौफ बदमाशों के अंदर से खत्म हो चुका है। फिलहाल अब देखने वाली बात ये होगी की सरकार बढ़ते अपराध के खिलाफ क्या कदम उठाती है।
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