SC/ST एक्ट का विरोध करने वालों देख लो! इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बहुजन दूल्हे को घोड़ी चढ़ने की नहीं दी इजाजत
By: Sushil Kumar
उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले के एक गांव में बहुजन दूल्हे को घोड़ी चढ़ने की इजाजत नहीं मिल रही। पहले जिला प्रशासन और अब हाईकोर्ट ने भी उसके घोड़ी चढ़ने की मंजूरी नहीं दी। इलाहाबाद हाई कोर्ट का कहना है कि वह बहुजन को घोड़ी पर चढ़कर बारात निकालने की इजाजत नहीं दे सकता। न्यायमूर्ति रणविजय सिंह और न्यायमूर्ति शशिकांत की डिवीजन बेंच ने दूल्हे संजय कुमार की अर्जी को निस्तारित करते हुए यह आदेश दिया। हालांकि न्यायालय ने ये भी कहा कि याची को किसी प्रकार की परेशानी है तो वह मुकदमा दर्ज करा सकता है। 20 अप्रैल को कासगंज के निजामपुर गांव की शीतल से बहुजन संजय की शादी होनी है।
जिला प्रशासन ने दूल्हे की मांग के खिलाफ न्यायालय को जानकारी उपलब्ध कराई थी कि ऐसा करने से वहां का स्थानीय माहौल बिगड़ सकता है। स्थानीय प्रशासन की रिपोर्ट पर न्यायालय ने याची को राहत नहीं दी। न्यायालय ने कहा कि याचिका पर अलग से कोई आदेश जारी करने का औचित्य नहीं है। अगर दूल्हे या लड़की पक्ष के लोगों से कोई जोर-जबरदस्ती करे तो वह पुलिस में इसकी शिकायत कर सकते हैं।
गौरतलब है कि कासगंज के निजामपुर गांव में आज तक एससी-एसटी वर्ग के दूल्हा घोड़ी चढ़ कर बारात नहीं निकली है। दूल्हा संजय कुमार अपनी बारात निकालना चाहता था। इस कारण उसने न्यायालय की शरण ली थी। उसका कहना था कि स्थानीय सवर्ण उसके इस काम का विरोध कर रहे हैं। पुलिस और प्रशासन ने भी बारात निकालने की अनुमति से पहले ही इंकार किया है। कानून-व्यवस्था का हवाला देकर स्थानीय प्रशासन ने घोड़ी चढ़ बारात निकालने से इंकार किया था जिसके खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी।
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